कोरोनावायरस: क्या पाकिस्तान ने यह निर्णय भारत की वजह से लिया?


बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई सार्क वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों की बैठक में पाकिस्तान ने हिस्सा नहीं लिया। इस्लामाबाद के सूत्रों ने कहा कि उन्होंने सार्क सचिवालय द्वारा भाग नहीं लेने के कारण भाग नहीं लिया।


पिछले महीने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने COVID -19 पर एक क्षेत्रीय समन्वित नीति के लिए सरकार के प्रमुखों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सार्क बैठक का आह्वान किया था। सभी देशों के सरकार स्तर के प्रमुखों में भाग लिया था लेकिन पाकिस्तान ने बैठक के लिए एक जूनियर स्तर के सलाहकार को भेजा था।


विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान को छोड़कर सभी सारक देशों ने बुधवार के वीडियो कॉन्फ्रेंस में भाग लिया और यात्रा प्रतिबंधों के प्रभाव और अंतर-क्षेत्रीय व्यापार पर बड़े कोविद -19 स्थिति पर चर्चा की।


भारत ने एक आपातकालीन COVID-19 कोष का प्रस्ताव किया था जिसमें पाकिस्तान को छोड़कर सभी देशों ने योगदान की घोषणा की है।


परन्तु अगर इस्लामाबाद के सूत्रों की ना माने और खुद से सोचें की क्या कारण हो सकते है तो उस रूप से पकिस्तान का कोष में योगदान न दे पाना तथा भारत और पकिस्तान के सम्बन्ध भी इसका कारण हो सकता है। और साथ के साथ पिछली बार जूनियर स्तर के सलाहकार को भेजने के कारण बाकी देशों की प्रतिक्रिया से बचने के लिए भी ऐसा कर सकता है।इसके साथ ही पकिस्तान की कोरोना से बिगड़ती हालत को छुपाना भी एक कारण हो सकता है।    


प्रमुखों की बैठक के के बाद, सार्क देशों के स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मुलाकात की थी।


बैठक के दौरान, भारतीय पक्ष ने सभी सार्क देशों के लिए साझा इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म का प्रस्ताव किया था ताकि कोरोनोवायरस महामारी का संयुक्त रूप से मुकाबला करने के लिए सूचना, ज्ञान, विशेषज्ञता और सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान किया जा सके।


COVID संकट पर पिछले एक महीने में SAARC देशों के बीच वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों की तीसरी ऐसी वीडियो कॉन्फ्रेंस मीट हुई।